प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना -PMFBY
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानो को प्राकृतिक प्रकोप एवं अन्य कारणों से खाद्यान्न उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीआई) 13 जनवरी 2016 में शुरू की थी | भारत एक कृषि प्रधान देश है | स्वतंत्रता के पश्चात देश में पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिला जिसके साथ ही देश में कई तरह के छोटे -बड़े उद्योग , मशीनरीयों और फैक्ट्रियो की स्थापना आदि पर अधिक बल दिया गया हो, किन्तु फिर भी देश में कृषि क्षेत्र का महत्व सबसे अधिक है | देश की कुल अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 15 प्रतिशत है आर्थिक विकास में योगदान के बावजूद भी देश में कृषि और किसान को अर्थनीति में जो महत्व मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया है | हरित क्रांति के कारण देश में भुखमरी की समस्या और दूसरे देशो से खाद्यान की निर्भरता को तो कम कर दिया लेकिन फिर भी किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया | भारत में विगत 20 वर्षो से किसान आत्महत्या करने को मजबूर है | देश में किसानों की आत्महत्या के प्रमुख कारणों कर्जा या ऋण और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से फसल की पैदावार में नुकसान होना है | कृषि उपज में होने वाली कमी, भूमि की उर्वरकता और ख़राब बीज भी अन्य कारण है | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीआई) के अंतर्गत किसानों को लाभ दिया जा रहा है | फसल बीमा योजना के द्वारा किसानों को बाढ़,सूखा पाला ,ओला वृष्टि ,कीटों और बीमारियों, के कारण फसल पैदावार को नष्ट होने से होने वाली हानि को कम किया जा सकेगा | केंद्र सरकार की यह योजना किसानों को सुरक्षा तंत्र प्रदान कर कृषि उत्पादकता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाती है | यह योजना कृषि मामलों में सुधार करने का महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय किसानों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान कर रहा है।
1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - किसानों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विशेषताएँ और प्रमुख बिंदु
3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्द्येश
4. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक पात्रता
13. FAQ - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - किसानों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कृषि महत्वपूर्ण है। खेती के दौरान नियत और अनियत हादसे हो सकते हैं। बाढ़, सूखा, बारिश की कमी और उमास के कारण किसानों को नुकसान हो सकता है। भारत किसानों का देश है जहां ग्रामीण जनसँख्या मुख्यतः कृषि पर ही आश्रित है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नें 13 जनवरी 2016 को एक महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का शुभारंभ किया था। वे किसान जो अपनी कृषि सम्बंधित आवशयकतो जैसे खाद,उर्वरक ,बीज,कृषि उपकरण ,ट्रैक्टर आदि के लिए ऋण लेते हैं यह योजना उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करेगी और खराब मौसम से उनकी रक्षा भी करेगी। केंद्र सरकार ने इस योजना में बीमा राशि के लिए क्लेम करने की प्रक्रिया को भी तेज और सरल बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि किसानो को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। यह योजना पूरे देश के सभी राज्यो में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की गयी है | पीएमएफबीवाई राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) की एक प्रतिस्थापन योजना है और इसलिए इसे सेवा कर से छूट दी गई है।2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विशेषताएँ और प्रमुख बिंदु -
योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों को कृषि उत्पादकता के नुकसान की स्थिति में आराम प्रदान करना है। किसानों को तबाह होने वाली फसलों की मुआवजे का भुगतान प्रदान करता है। पीएमएफबीवाई किसानों को कई उल्लेखनीय विशेषताएं प्रदान करती है जो किसानों प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों से होने वाले उपज नुकसान के खिलाफ के लिए सुरक्षा कवच बनाती है |1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सम्मिलित फसले -
नगदी फसलों में - मूंगफली ,गन्ना ,कपास ,जूट|
बागवानी फसले - टमाटर, मटर, केला अंगूर आदि |
दलहनी फसलों में - सम्मिलित सभी दाले - मूंग , चना, उड़द , तुवर ,मसूर आदि |
तिलहनी फसलों में - सोयाबीन , तिल , सरसों ,अलसी ,सूरजमुखी आदि |
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सम्मिलित जोख़िम सुरक्षा
किसानो को निम्न दशाओं में जोख़िम कवरेज मिलेगा | किसान का उत्तरदायित्व होगा कि किसी भी स्थिति में तुरंत बीमा कंपनी को अवगत कराए और सम्बंधित कृषि अधिकारी को लिखित सूचना दे | अपने नुकसान की विस्तृत जानकारी अधिकारी को दे ताकि त्वरित कार्यवाही द्वारा जल्दी से जल्दी उसके नुकसान की भरपाई सके |1. प्रतिकूल मौसमी दशाओं के कारण बुवाई / पौधा रोपण / अंकुरण न होने से हुई हानि ,फसलों की बुवाई / विपरीत मौसमी परिस्थितियों के कारण बुवाई न कर पाने / असफल अंकुरण जोखिम बीमित क्षेत्र में कम वर्षा से सुरक्षा प्रदान करना।
2. खड़ी फसल (बुवाई से कटाई तक) - प्राकृतिक प्रकोप जिसमे बाढ़ ,सूखा, पाला ,आकाशीय बिजली ,ओलावृष्टि आदि के कारण तथा कीटों द्वारा नुकसान ,बीमारियों ,रोगों के प्रभाव, बीमित क्षेत्र में भू स्खलन, प्राकृतिक कारणों से आग लगने की स्थिति में, तूफान, ओलावृष्टि तथा चक्रवात जैसे जोखिमों के कारण फसल नुकसान को आच्छादन करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है।
3. फसल की कटाई के पश्चात यदि किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा जैसे ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती वर्षा और बेमौसम वर्षा होने की स्थिति में फसलों को फसल कटाई के पश्चात केवल 14 दिनों की अधिकतम अवधि में हानि होने की स्थिति में संरक्षण प्रदान किया जाता हैं।
3. जोखिम के अपवर्जन
3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्द्येश -
2. किसानो की आय को बढ़ाना, छोटे और मध्यम सीमांत किसानो की स्थिति में सुधार करना |
3. किसानों और कृषि क्षेत्र का देश के आर्थिक विकास (GDP) में योगदान बढ़ाने के लिए उन्हें नवाचार एवं आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
4. कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना जिससे किसानो को उनकी जरुरत के हिसाब से बुवाई,बीज ,खेती के उपकरण आदि की खरीद के लिए आवश्यक ऋण लेने में सुविधा हो |
4. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक पात्रता -
देश के सभी ऋणी एवं गैर ऋणी (बटाईदार / साझेदार) किसान अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित की गई फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा सके हैं। ऋणी एवं गैर ऋणी किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना स्वैच्छिक है। इच्छुक किसान अपने निकटतम सीएससी केंद्र, पीएमएफबीवाई पोर्टल, इंश्योरेंस कंपनी या कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते है |5. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए दस्तावेज़ -
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए निम्न दस्तावेज़ आवश्यक हैं
1. कृषि भूमि के कागजात
2. आवेदक का आधार कार्ड
3. बैंक खाता (आधार कार्ड से लिंक एवं DBT सक्रिय होना चाहिए)
4. निवास प्रमाण पत्र
5. पासपोर्ट आकार की फोटो
6. भूमि रिकार्ड अधिकार - यह अधिकारों के रिकार्ड (RoR) है, जिसमें भूमि, उसके मालिक और उसके काश्तकार आदि के बारे में जानकारी है। इस दस्तावेज़ में कृषकों की भूमि जोत का विवरण होता है।
7. भू -स्वामित्व प्रमाण-पत्र (LPC - Land Possession Certificate) एक जमीन का दस्तावेज है और यह दर्शाता है कि आपके नाम पर कितनी जमीन है, या आपका कितना हिस्सा सरकार के यहाँ रजिस्टर किया हुआ है
इसके अतिरिक्त प्रत्येक राज्य से सम्बंधित कुछ दस्तावेज़ जो राज्यनुसार अलग अलग हो सकते है |
6. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन कैसे करे ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों प्रकार से आवेदन किया जा सकता है | ऑनलाइन आवेदन आप स्वयं भी PMFBY पोर्टल के माध्यम से कर सकते है | ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आप अपने निकटतम किसी भी बैंक, CSC (Common Service Centre) केंद्र ,इन्शुरन्स कंपनी में संपर्क कर सकते है | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सम्बंधित बैंक अथवा इन्शुरन्स कंपनी के अधिकारी आपको योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे |
1. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया -
1. यदि आप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना चाहते है तो सर्वप्रथम आपको सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ में जाना होगा | जहाँ आपके सामने वेबसाइट का होम पेज ओपन हो जाएगा |2. होम पेज पर नीचे स्क्रॉल करने पर आपको साइड में Farmer Corner - Apply for Crop Insurance by Yourself का विकल्प दिखलाई देगा | उस पर क्लिक करे |
2. ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया -
1. ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको बैंक जाकर योजना का एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा | फिर आवेदन के लिए सभी जरुरी दस्तावेज सलग्न कर फॉर्म के साथ ही बैंक में सबमिट करना होगा | यदि आपका योजना को लेकर कोई प्रश्न है अथवा आपको कोई Doubt हो तो वो भी आप बैंक अधिकारी से पूछ सकते है |
7. किसान अपने क्षेत्र के इन्शुरन्स कंपनी डायरेक्टरी में कैसे सर्च करे ?
8. आवेदन की गयी पालिसी की स्थिति जाने -
9. प्रीमियम कैसे कैलकुलेट करे ? बीमा प्रीमियम कैलकुलेटर - पहले से अपनी बीमा प्रीमियम जाने
10. क्रॉप इन्शुरेंस मोबाइल ऐप
क्रॉप इन्शुरन्स मोबाइल ऐप के द्वारा किसान अपनी फसल बीमा की जानकारी अत्यंत सरलता से प्राप्त कर सकेंगे। क्रॉप इन्शुरन्स मोबाइल ऐप से आधुनिक कृषि बढ़ावा मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए गूगल प्लेस्टोर से क्रॉप इन्शुरन्स मोबाइल एप डाउनलोड करें | मोबाइल ऐप से आसानी से फसल बीमा की प्रीमियम संबंधित जानकारी पाई जा सकती है और साथ ही उसकी गणना भी कर सकते है |
मोबाइल में google play store से क्रॉप इन्शुरेंस मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें -
bit.ly/3DLYFq9
इसके अलावा सरकार द्वारा एक एंड्रॉयड आधारित "फसल बीमा ऐप" भी शुरू किया गया है जो फसल बीमा, कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग (डीएसी एवं परिवार कल्याण) की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
11. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रबंधन और निगरानी
12. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ
1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को एक मात्र बीमा कंपनी, भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है | एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (एआईसी) का गठन भारत सरकार द्वारा 2002 -03 में किया गया था | AIC का मुख्य कार्य प्राकृतिक आपदाओं बाढ़ ,सूखा, ओलावृष्टि , कीटों और बीमारियों के परिणामस्वरूप किसी भी अधिसूचित फसल की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
2. भारत में लगभग 65% कृषि वर्षा पर निर्भर है और हमारे देश के किसानो का कठोर परिश्रम भी प्रकृति पर निर्भर करता है | ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच की तरह कार्य करेगी जो फसलों को अप्रत्याशित या प्रतिकूल मौसम , प्राकृतिक आपदा सूखा बाढ़ ओलावृष्टि ,भूसंख्लन जैसे विपदाओं से होने वाली हानि की भरपाई करने में मदद करेगी | Risk Coverage होने से देश कृषक वर्ग निश्चिंत होकर कृषि कर सकेगा |
3. इस योजना में प्रीमियम राशि बहुत कम रखी गई है जिससे इस योजना का लाभ छोटे और मध्यम सीमांत किसानों को होगा | किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए प्रीमियम राशि केवल 2% देय एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% देय होगा।
4. कृषि के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा | किसान नई technology और खेती के लिए नई मशीनों के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित होंगे | देश की GDP और आर्थिक विकास में कृषि का योगदान बढ़ेगा |
13. FAQ - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
प्रश्न - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?
उत्तर - माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीआई) 13 जनवरी 2016 में शुरू की थी | योजना का मुख्य उद्द्येश किसानों को फसलों से जुड़े हुए जोखिमों की वजह से होने वाले नुकसान से बीमा सुरक्षा प्रदान करना है । इससे किसानों को अप्रत्याशित या प्रतिकूल मौसम प्राकृतिक प्रकोप की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है।
प्रश्न - फसल बीमा के लिए किसान द्वारा देय प्रीमियम दर क्या हैं?
उत्तर - किसानों द्वारा खरीफ मौसम की फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी मौसम की फसल हेतु 1.5 प्रतिशत, व्यावसायिक और बागवानी फसलों हेतु बीमित राशि का अधिकतम 5 प्रतिशत प्रीमियम दर देय है |
प्रश्न - फसल बीमा कौन करवा सकता है?
उत्तर - ऋणी एवं गैर ऋणी (बटाईदार / साझेदार) किसान अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित की गई फसलों के बीमा का लाभ उठा सके हैं। ऋणी एवं गैर ऋणी किसानों के लिए यह योजना स्वैच्छिक है। फसल बीमा के लिए आवेदन के इच्छुक किसान अपने क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों एवम उसके अंतिम तिथि के लिए सीएससी केंद्र, बैंक ,पीएमएफबीवाई पोर्टल, इंश्योरेंस कंपनी या कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते है।
प्रश्न - क्या ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन करा सकते हैं एवं कब तक करा सकते हैं?
उत्तर - हाँ, ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन करवा सकते हैं, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नामांकन की अंतिम तिथि से दो दिन (कार्य दिवस) पहले तक किसान अपने फसल में परिवर्तन की सूचना सम्बंधित बैंक शाखा में दे सकते है।
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